arvind Kejriwal news in hindi : आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठजोड़ की संभावना से बुधवार को एक बार फिर इनकार कर दिया। उनकी प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि दोनों पार्टियां फरवरी में होने जा रहे 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के चुनाव के लिए हाथ मिला सकती हैं।
सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में केजरीवाल ने कहा कि आप दिल्ली में अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।
हाल में विपक्षी गठबंधन इंडिया के इन 2 घटकों के बीच गठजोड़ को लेकर चर्चा तब शुरू हुई जब बुधवार को कांग्रेस द्वारा आयोजित 'न्याय चौपाल' कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इस कार्यक्रम में पार्टी नेता राहुल गांधी को भाग लेना था। यह कार्यक्रम विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली भर में प्रदेश कांग्रेस द्वारा निकाली गई न्याय यात्रा के समापन के अवसर पर आयोजित किया गया था।
इसके अलावा, केजरीवाल ने मंगलवार को राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। उन्होंने ऐसे समय में पवार से मुलाकात की जब इंडिया गठबंधन के अंदर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस राजनीतिक गठबंधन का प्रमुख नियुक्त करने की मांग उठ रही है। वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस राजनीतिक गठबंधन के अध्यक्ष हैं। हालांकि, अभी तक न तो केजरीवाल और न ही आप ने इस मुलाकात में हुई चर्चा पर कोई टिप्पणी की है।
सूत्रों ने बताया कि इन घटनाक्रमों को इस तरह देखा जा रहा है कि कांग्रेस और आप आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सावधानी से अपने कदम उठा रही हैं, ताकि भविष्य के विकल्प खुले रहें।
आप और कांग्रेस ने इस साल के शुरू में मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वे भाजपा के हाथों सभी सात सीट हार गई थीं। कई दौर के बातचीत के बाद भी ये दोनों दल अक्टूबर में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाए।
आप ने दिल्ली चुनाव के सिलसिले में अब तक कुल 31 उम्मीदवारों की दो सूची जारी कर दी है। बाकी प्रत्याशियों की सूची भी शीघ्र आने की संभावना है। भाजपा दिल्ली में आप के हाथों से सत्ता हथियाने की जद्दोजहद कर रही है। पार्टी दिल्ली में 1998 से सत्ता से बाहर है।
दिल्ली के 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने क्रमशः 67 और 62 सीट जीती थीं तथा भाजपा को क्रमशः 3 और 8 सीट मिली थीं। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।