राव ने कहा कि पिछले साल वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि जरा सोचिए, पिछले साल 5 फीसदी की वृद्धि और इस साल सीधे गिरावट या शून्य वृद्धि की ओर हम जा रहे हैं, इस हिसाब से सीधे 5 फीसदी की गिरावट है।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि भारत इस संकट में अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने जा रहा है, लेकिन यह संतोष की बात नहीं है, क्योंकि हम बहुत गरीब देश हैं। यदि संकट बना रहता है और जल्द ही लॉकडाउन नहीं हटाया जाता है तो यह बहुत संभव है कि लाखों लोग हाशिए पर पहुंच जाएंगे और उनके सामने अस्तित्व को बचाए रखने का संकट खड़ा हो जाएगा।