बीआरओ ने एक बयान में कहा कि पिछले साल 31 दिसंबर तक दर्रे को खुला रखा गया था और उसके बाद दर्रे को तब खोला गया, जब सर्दी का मौसम समाप्त हो गया था। बीआरओ ने कहा कि उसने बर्फ हटाने वाली कुछ मशीनें और उपकरणों के उपयोग से अपना रिकॉर्ड बेहतर किया है।
बयान के अनुसार लद्दाख प्रशासन और स्थानीय नागरिकों ने इस प्रयास की सराहना की और इस कदम से केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन पर रसद का बोझ कम होता है, वहीं स्थानीय निवासियों को अत्यंत सर्द मौसम के लिए अतिरिक्त राशन और अन्य सामान के भंडारण में मदद मिलती है।
नए साल के पहले 3 दिनों में बीआरओ और पुलिस की सामूहिक मदद से करीब 178 वाहन दर्रा से गुजरने में सफल रहे। यह संख्या महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि वहां का तापमान 0 से 20 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है और सड़क पर बर्फीला तूफान जैसी स्थिति बन जाती है।