डीएनटी, टीएनटी और टीएनपी जैसे नाइट्रोएरोमैटिक विस्फोटक असैन्य और सैन्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। ये न सिर्फ घातक विस्फोटक हैं बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषित करते हैं। 'साइंटिफिक रिपोर्ट्स' पत्रिका में इस उपकरण के बारे में लिखा गया है कि यह न सिर्फ हल्का और पोर्टेबल विस्फोटक सेंसर है बल्कि पर्यावरण के लिए भी सही है।
आतंकवादी गतिविधियों में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के वैज्ञानिकों को यह उपकरण बनाने के लिए प्रेरित किया। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के बिनॉय मैती और प्रियदर्शिनी डे भी इस उपकरण को बनाने वाली टीम में शामिल हैं।