यूं तो भारतीय सेनाधिकारी दावा करते हैं कि कश्मीर के भीतर, एलओसी और सीमाओं पर घुसपैठियों से निपटने की खातिर किए जाने वाले प्रबंध बहुत ही पुख्ता हैं, फिर भी उन्हें यहां एलओसी के गैपों की चिंता सता रही है। वहीं, अब अन्य रास्तों से आने वाले आतंकियों की बढ़ती संख्या परेशानी का सबब बनते जा रही है।
जो भी आएगा, मारा जाएगा : एक सेनाधिकारी के अनुसार, हमारे जवान के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है। वह चाहे जैश से संबंध रखने वाला हो या फिर तालिबान से। हम उसे मार गिराएंगे। वे मानते थे कि अगर तालिबान के कदम कश्मीर की ओर मुड़े तो एलओसी पर आने वाले दिनों में खूनी भिड़ंतों में इजाफा होगा।
एलओसी पर घुसपैठ रोधी तंत्र मजबूत : इसे अक्सर स्वीकार किया जाता रहा है कि लंबी और खतरनाक चलने वाली मुठभेड़ों में तालिबान से प्रशिक्षित आतंकी होते हैं या फिर कई बार अफगान मुजाहिदीन भी होते हैं जो अभी भी कुछ संख्या में कश्मीर में मौजूद हैं। ऐसी मुठभेड़ों के दौरान सुरक्षाबलों को भी कई बार बड़ी क्षति उठानी पड़ी है।