दरअसल, वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसद की एक स्थायी समिति की बैठक में कृषि मंत्रालय ने माना है कि नकदी की कमी के चलते देश का लाखों किसान रबी सीजन में बुआई के लिए खाद और बीज नहीं खरीद सके। इसके मुताबिक किसानों पर नोटबंदी के फैसले का काफी बुरा असर पड़ा था।
कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी के असर पर संसदीय समिति को एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने समिति को बताया कि जिस समय नोटबंदी लागू हुई थी उस समय किसान या तो अपनी खरीफ की पैदावार बेच रहे थे या फिर रबी फसलों की बुआई कर रहे थे। यह ऐसा समय होता है जब किसानों को नकदी की काफी जरूरत होती है। ऐसे समय में नकदी की किल्लत ने उनकी मुश्किल को कई गुना बढ़ा दिया। इतना ही नहीं अगली फसल के लिए वे बीज और खाद नहीं खरीद सके।
मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट के पक्ष में तर्क दिया कि कैश की किल्लत के चलते राष्ट्रीय बीज निगम के लगभग 1 लाख 38 हजार क्विंटल गेहूं के बीज नहीं बिक पाए थे। हालांकि बाद में सरकार ने बीज खरीदने के लिए पुराने नोटों (1000, 500) के इस्तेमाल की छूट दी थी, लेकिन इसके बावजूद बीज की बिक्री में कोई खास इजाफा नहीं हुआ।
राहुल को मिला एक और हथियार : राफेल डील, जीएसटी और नोटबंदी को सरकार को लगातार घेरने वाले राहुल गांधी को विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्र सरकार पर हमले के लिए एक और हथियार मिल गया है। गांधी राफेल मामले में नरेन्द्र मोदी पर 'चौकीदार चोर है' बोलकर लगातार हमले कर रहे हैं। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इनमें से तीन में भाजपा की सरकार है। कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मोदी ने नोटबंदी को ठहराया जायज : दूसरी ओर नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार के मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश से भ्रष्टाचार के दीमक को साफ करने और बैंकिंग सिस्टम में पैसा वापस लाने के लिए नोटबंदी जैसी कड़वी दवा का उपयोग करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि जब दीमक लगती है तो सबसे जहरीली दवा डालनी पड़ती है। कांग्रेस के राज से ऐसा भ्रष्टाचार फैला कि मुझे नोटबंदी जैसी कड़वी दवा का उपयोग करना पड़ा, ताकि गरीबों को लूटकर ले जाया गया पैसा देश के खजाने में वापस आए।