अब्दुल्ला ने गुजरात विधानसभा चुनावों को धर्म के आधार पर बिगाड़े जाने पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि यह भारतीय राजनीति की सबसे दुखद गतिविधि है। कल जारी किए गए एक बयान में अब्दुल्ला ने भाजपा-संघ को चुनावों के दौरान उन्माद पैदा करने और लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर देश को बांटने का बढ़ता चलन राष्ट्र हित के लिए नुकसानदेह है और ऐसी प्रवृत्ति को किसी भी कीमत पर खत्म किया जाना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत किसी खास धर्म के लोगों का नहीं है, बल्कि यह कई रंगों के खूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है। धर्मनिरपेक्ष देश में सभी धर्म को मानने वाले लोगों के पास समान अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा विद्वेषपूर्ण माहौल में नेशनल कॉन्फ्रेंस को धर्मनिरपेक्षता के ध्वज को ऊंचा रखने में चुनौतीपूर्ण भूमिका निभानी है।