कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा शुक्रवार को आहूत रैली के मद्देनजर विश्वविद्यालय ने स्थानीय जिला प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि परिसर में शांति भंग न हो। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को शांति निकेतन स्थित उनके पुश्तैनी आवास की कुछ भूमि से बेदखल करने की विश्व भारती विश्वविद्यालय की संभावित कार्रवाई पर गुरुवार को अंतरिम रोक लगा दी।
सेन ने विश्व भारती विश्वविद्यालय की ओर से जारी उस बेदखली नोटिस के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उनसे छह मई तक शांति निकेतन स्थित उनके पुश्तैनी आवास की 0.13 एकड़ भूमि खाली करने के लिए कहा गया है। विश्व भारती विश्वविद्यालय का आरोप है कि सेन ने 0.13 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
विश्व भारती की प्रवक्ता महुआ बनर्जी ने बताया कि संस्थान ने बीरभूम जिले में बोलपुर के अनुमंडल अधिकारी को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि अमर्त्य सेन से जुड़े भूमि विवाद पर पांच मई को मार्च निकालने के लिए विश्वविद्यालय से कोई अनुमति नहीं मांगी गई। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने आशंका जताई कि रैली के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में शांति भंग हो सकती है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)