भुइयां ने कहा कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू से संबंधित मामलों में परीक्षण के लिए नमूने नियमित रूप से भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को भेजे जाते हैं। यह एक नियमित जांच थी, जिसके दौरान एचएमपीवी संक्रमण का पता चला। बच्चे की हालत अब स्थिर है। यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है।
बच्चों के साथ ही बुजुर्ग भी संक्रमित : देश में लगातार HMPV के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि ज्यादा संक्रमण बच्चों में ही मिल रहा है, लेकिन 60 और 80 साल के 2 बुजुर्ग भी इस वायरस का शिकार बन गए हैं। भारत में पहला मामला कर्नाटक के बेंगलुरु में 6 जनवरी, 2025 को सामने आया था। कर्नाटक के अलावा तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल, राजस्थान, असम और उत्तर प्रदेश में भी इस वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। हालांकि यह वायरस घातक नहीं है, लेकिन कोरोना काल के दृश्य एक बार फिर ताजा हो गए हैं। इसलिए लोगों में वायरस का डर भी है। सरकार ने भी लोगों से कहा है कि वे अनावश्यक रूप से डरें नहीं। सरकार भी इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : बनारस हिंदू यूनिर्विसटी के सीनियर वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने वेबदुनिया को बताया कि HMPV वायरस के A और B स्ट्रेन ही हैं जो किसी भी रीजन में लोगों को संक्रमित करते हैं। अगर इस वायरस की कोविड वायरस से तुलना की जाए तो HMPV वायरस हमारे लिए नया नहीं है। 5 वर्ष से अधिक आयु के लोग इस वायरस के एक न एक बार संक्रमित हो चुके हैं तो उनके लिए कोई गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना नहीं है। वायरस का खौफ सोशल मीडिया से लेकर शेयर बाजार पर भी देखा जा रहा है।
वहीं, ICMR के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने वेबदुनिया को बताया कि HMPV के कोई गंभीर लक्षण नहीं है, इसके सामान्य लक्षण वहीं जो सर्दी जुकाम वाले लक्षण होते हैं। इस वायरस के माइल्ड इंफेक्शन होते हैं इसलिए डरने की कोई जरूरत नहीं है। इससे संक्रमित व्यक्ति को मुत्यु की कोई संभावना नहीं है। जैसे सर्दी जुकाम होता है वैसी ही यह बीमारी है, इसमें कोई फर्क नहीं है। अत: डरने की जरूरत नहीं है।