फिच से पहले मूडीज ने भी इस महीने की शुरुआत में देश की रेटिंग को कम करके सबसे निचली निवेश श्रेणी ‘बीएए2’ में रख दिया था। ऐसा 22 साल में पहली बार हुआ। रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, फिच रेटिंग्स ने भारत के दीर्घावधि के परिदृश्य को स्थिर से बदलकर नकारात्मक कर दिया है। साथ ही भारत की रेटिंग ‘बीबीबी माइनस’ की है।
फिच का अनुमान है कि देश की अर्थव्यवस्था में 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान पांच प्रतिशत का संकुचन आएगा। इसकी वजह देश में 25 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण बड़े अनुपात में करोबार का लंबे समय तक बंद रहना है। साथ ही उसका मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था 2021-22 में फिर से सुधरकर 9.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी।