बिहार, असम और केरल में बाढ़ ने मचाई तबाही, 170 लोगों की मौत, 1 करोड़ 37 लाख प्रभावित

रविवार, 21 जुलाई 2019 (23:21 IST)
नई दिल्ली। आसमान से गिर रही आफत की बारिश ने बिहार, असम और केरल में भारी तबाही मचाई है, जहां 170 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1 करोड़ 37 लाख लोग प्रभावित हैं।
 
बिहार में 102 लोगों की मौत : बिहार के 12 जिले शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक 78 लोगों की मौत के साथ कुल 102 लोगों की मौत हुई है जबकि लगभग 72 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
 
बिहार में मरने वाले 102 लोगों में सीतामढी में 27, मधुबनी में 23, अररिया में 12, शिवहर एवं दरभंगा में 10-10, पूर्णिया में 9, किशनगंज में 5, सुपौल में 3, पूर्वी चंपारण में 2 और सहरसा के एक व्यक्ति शामिल हैं।
 
बिहार के बाढ़ प्रभावित इन 12 जिलों में कुल 133 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 114921 लोग शरण लिए हुए हैं। उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 776 सामुदायिक रसोई चलाए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीम, 796 कर्मियों को लगाया गया है तथा 125 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
 
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार की कई नदियां बूढी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी विभिन्न स्थानों पर रविवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में शुक्रवार की सुबह तक हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। 
 
असम बाढ़ में मृतकों की संख्या 64 हुई : असम में बाढ़ से पांच और लोगों की मौत होने से रविवार को इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। राज्य के कुछ क्षेत्रों में पानी का स्तर कम हुआ है। राज्य के 33 जिलों में 18 अभी जलमग्न है और इससे 38.37 लाख प्रभावित है।
 
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार बाढ़ से मोरीगांव जिले में दो लोगों की और धेमाजी, गोआलपारा और कामरूप जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत होने की खबर है।
 
प्राधिकरण के बुलेटिन में कहा गया है कि 2,669 गांव, 1.35 लाख हेक्टेयर फसल भूमि और गोलाघाट जिले में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा जलमग्न है। इसमें कहा गया है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भी 141 जानवरों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है। 
 
बुलेटिन के अनुसार ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट जिले के नेमाटीघाट और धुबरी जिले में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। जिला प्रशासनों द्वारा बनाये गये 829 राहत शिविरों और राहत वितरण केन्द्रों में 1,15,389 से अधिक विस्थापित लोग हैं।
 
केरल में बारिश से 4 लोगों की मौत : केरल में बारिश का दौर जारी रहने के बीच चार लोगों की मौत हो गई और तमिलनाडु के दो मछुआरों समेत तीन लोग लापता हैं। केरल के कासरगोड, इडुक्की, कोझीकोड और कन्नूर जिलों में 23 जुलाई तक ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। तटीय पुलिस ने बताया कि तमिलनाडु के लापता मछुआरों में से एक सहायराजू (55) का शव कोल्लम जिले में मिला। दो अन्य मछुआरें तैरकर सुरक्षित बच गये।
 
एक तटीय पुलिस अधिकारी ने कहा, लापता दो अन्य मछुआरों की तलाश की जा रही है। एक तटरक्षक जहाज और समुद्री प्रवर्तन की दो नावें उन्हें खोज रही हैं। कोट्टायम जिले की मीनाचिल नदी में लापता हुए मनेश सेबस्टियन का शव नौसेना ने बरामद कर लिया है। 
 
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने 21 जुलाई को कसारगोड और इडुक्की जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर जिलों में 22 जुलाई के लिए अलर्ट जारी किया गया है। दक्षिणी राज्य के कन्नूर और कसारगोड जिलों में 23 जुलाई को भारी बारिश का भी अनुमान जताया गया है। विभाग ने कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम के लिए 25 जुलाई तक ‘ओरेंज अलर्ट’ भी जारी किया है।
 
केरल सरकार ने पर्यटकों को खतरे का हवाला देते हुए राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में ‘शंकमुगम बीच’ से दूर रहने को कहा है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की भी सलाह दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य के तटीय इलाकों से सैकड़ों मकानों को खाली करा लिया है।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहाड़ी इडुक्की जिले में कोन्नाथाडी गांव में शनिवार की सुबह हुई भूस्खलन की एक मामूली घटना में फसल को नुकसान हुआ। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। 
 
केरल राज्य आपदा प्रबंधन के सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को कोशी वर्गीज (53) थिरुवल्ला में मणिमाला नदी में मछली पकड़ने के दौरान डूब गए और नारियल के एक पेड़ गिरने से कोल्लम के दिलीप कुमार (54) की मौत हो गई।
 
फोर्ट कोच्चि समुद्र तट पर स्नान करने गया एक व्यक्ति भी लापता है। निचले इलाकों में रहने वाले और वे लोग जिनके घर बाढ़ की चपेट में आ गये हैं, उनके लिए 12 राहत शिविर खोले गये हैं।
 
प्राधिकरण के अनुसार राज्य में अब तक 13 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है और 71 मकान आंशिक रूप से। केन्द्रीय जल आयोग की वेबसाइट में कहा गया है कि पेरियार, पाम्बा और चलियार नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।

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