पटना। नेपाल में हो रही बारिश से बिहार की सभी प्रमुख नदियों के खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण राज्य के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू हो गई है और इससे अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ से करीब 80 लाख लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव के लिए सेना के अलावा तीन हेलीकॉप्टरों को लगाया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ के कारण पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी एवं पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधबुनी, सीतामढ़ी, शिवहर और मुजफ्फरपुर जिलों के 92 प्रखंड प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में करीब 80 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
सूत्रों ने बताया कि प्रभावित इन 13 जिलों में राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) की 22 टीम के साथ 100 नौकाएं और राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ) की 15 टीम के साथ 82 नौकाएं 24 घंटे राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता को भी प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि इसी तरह सेना की सात कंपनियों को प्रभावित इलाकों में सोमवार से ही लगा दिया गया है। सेना की 40 नौकाएं प्रभावित इलाकों में लगाई गई है। बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित सीतामढ़ी, मधुबनी, पश्चिम एवं पूर्वी चंपारण जिले के नीचले इलाकों में सेना की तीन कंपनियों को विशेष तौर पर भेजा गया है।
बाढ़ प्रभावित 12 जिलों में फंसे हुए लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए वायुसेना का दो हेलीकाप्टर लगाया गया है। वहीं, एक अन्य हेलीकाप्टर पश्चिम चंपारण के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री उलब्ध कराने में जुटा है। हेलीकाप्टर से सूखा खाद्य सामग्रियों के साथ ही रोजमर्रा का सामान बाढ़ पीड़ितों के बीच गिराये जा रहे हैं।