नई दिल्ली। भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने मुद्रा नोट छापने के लिए उपयोग में आने वाले विशेष किस्म के कागज का विकास कर लिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 89वें स्थापना दिवस समारोह में रविवार को यहां यह जानकारी दी गई। केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई ने कपास के पौधे से इस कागज का विकास किया है। कपास के तंतुओं के रासायनिक उपचार तथा कुछ अन्य प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद लुगदी तैयार की जाती है जिससे नोट छापने का कागज तैयार होता है।
देश में सालाना 200 करोड़ रुपए के नए मुद्रा नोट छापे जाते हैं जिसके लिए कागज विदेश से आयात किया जाता है। देश में विशेष किस्म के कागज के विकास किए जाने से विदेशी मुद्रा की बचत होगी और काफी हद तक नकली नोट की समस्या का समाधान किया जा सकेगा। (वार्ता)