India-China agreement : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा बल लद्दाख के डेपसांग में सभी गश्ती स्थलों तक जाएंगे। उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि चीन के साथ हुए सुरक्षा बलों के पीछे हटने के समझौता का आखिरी हिस्सा डेपसांग और डेमचोक से जुड़ा है। म्यांमार को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश में बहुत अशांत परिस्थितियों के कारण भारत को फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) की समीक्षा करनी पड़ी।
जयशंकर ने कहा, मैं बताना चाहता हूं कि मेरे (पिछले) बयान (संसद में) में इसका उल्लेख किया गया था कि दोनों देशों के बीच बनी सहमति में यह परिकल्पना की गई थी कि भारतीय सुरक्षा बल डेपसांग में सभी गश्ती स्थलों पर जाएंगे और पूर्व की सीमा तक भी जाएंगे जो ऐतिहासिक रूप से हमारी गश्ती सीमा रही है।
उन्होंने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के पूरक प्रश्न के उत्तर में भारत-चीन समझौते का उल्लेख करते हुए कहा, उन समझौतों में कुछ प्रावधान भी थे जहां दोनों पक्ष अस्थाई आधार पर खुद पर कुछ प्रतिबंध लगाने पर सहमत हुए थे। इसलिए मुझे लगता है कि उस बयान में स्थिति बहुत स्पष्ट है। मैं माननीय सदस्य से उस बयान को दोबारा पढ़ने का आग्रह करूंगा।
म्यांमार को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश में बहुत अशांत परिस्थितियों के कारण भारत को फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) की समीक्षा करनी पड़ी, जो भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति देता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour