नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंचकूला की विशेष अदालत के निलंबित न्यायाधीश के खिलाफ कथित रिश्वत के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी जांच के सिलसिले में उनके भतीजे को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ईडी ने एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 5 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।
ईडी ने इस मामले में 14 जून को गुरुग्राम के रियल्टी समूह एम3एम के 2 निदेशकों और 'प्रबंधन से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों' बसंत बंसल और पंकज बंसल को गिरफ्तार किए जाने के ठीक 1 दिन बाद यह गिरफ्तारी की है। एजेंसी ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि बसंत बंसल और पंकज बंसल को पंचकूला में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 5 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।
मनी लॉन्ड्रिंग के जिस मामले में गिरफ्तारियां की गई हैं, वह हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अप्रैल में सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे निदेशक रूप कुमार बंसल एवं अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उपजा है। सुधीर परमार ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामलों के पूर्व विशेष न्यायाधीश थे और वे पंचकूला में नियुक्त थे।
प्राथमिकी के अनुसार ईडी ने कहा कि विश्वस्त जानकारी मिली थी कि परमार का अभियुक्तों यानी रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और रियल इस्टेट कंपनी आईआरईओ के मालिक ललित गोयल के आपराधिक मामलों में पक्षपातपूर्ण रवैया था। इनके खिलाफ ईडी और सीबीआई के अन्य मामले परमार की अदालत में लंबित थे।(भाषा)