कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी की वजह से आमदनी बुरी तरह प्रभावित होने के चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज की रैंकिंग में बड़ी गिरावट आई है। यह 2017 के बाद रिलायंस की सबसे निचली रैंकिंग है। 524 अरब डॉलर के राजस्व के साथ वॉलमार्ट फॉर्च्यून की सूची में पहले स्थान पर बनी हुई है। चीन की स्टेट ग्रिड 384 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है।
वहीं 280 अरब डॉलर के राजस्व के साथ अमेजन तीसरे स्थान पर है। चाइना नेशनल पेट्रोलियम चौथे और सिनोपेक ग्रुप पांचवें स्थान पर है। महामारी की वजह से वैश्विक मांग प्रभावित होने से कच्चे तेल की कीमतों में 2020 की दूसरी तिमाही में गिरावट आई। इससे रिलायंस का राजस्व 25.3 प्रतिशत घटकर 63 अरब डॉलर रह गया। सूची में शामिल भारत की अन्य पेट्रोलियम कंपनियों की रैंकिंग नीचे आई है।
वहीं भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 16 स्थान की छलांग के साथ 205 स्थान पर पहुंच गया। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) 61 स्थान फिसलकर 212वें स्थान पर आ गई। यह लगातार दूसरा साल है जबकि सूची में एसबीआई की स्थिति सुधरी है। पिछले साल भी एसबीआई की रैंकिंग में 15 स्थान का सुधार हुआ था। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (आईएनजीसी) 53 स्थान फिसलकर 243वें स्थान पर पहुंच गई।
फॉर्च्यून ने कहा कि कंपनियों को 31 मार्च, 2021 या उससे पहले समाप्त वित्त वर्ष के राजस्व के आधार पर रैंकिंग दी गई है। एसबीआई का राजस्व 52 अरब डॉलर, आईओसी का 50 अरब डॉलर, ओएनजीसी का 46 अरब डॉलर और राजेश एक्सपोर्ट्स का 35 अरब डॉलर रहा। फॉर्च्यून ने कहा कि वॉलमार्ट लगातार आठवें साल शीर्ष पर रही है। 1995 से वह 16वीं बार शीर्ष पर रही है।(भाषा)