लाखों लोगों की जिंदगी में उजाला करने वाले शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. बद्रीनाथ का निधन, PM ने किया याद
बुधवार, 22 नवंबर 2023 (16:56 IST)
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देश के जाने माने नेत्र चिकित्सक और लाखों लोगों की जिंदगी में उजाला करने वाले शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. बद्रीनाथ का निधन हो गया। बता दें कि उन्हें आंखों के सस्ते और किफायती इलाज के लिए जाना जाता है। जानकारी के मुताबिक 83 वर्षीय डॉ बद्रीनाथ ने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। चेन्नई में जन्मे बद्रीनाथ के परिवार में उनकी पत्नी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ वसंती बद्रीनाथ और दो बेटे अनंत एवं शेषु हैं।
नेत्र विज्ञान के विशेषज्ञ और शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. एसएस बद्रीनाथ जी के निधन का समाचार दुःखद है। नेत्र देखभाल में उनके योगदान और समाज के प्रति उनकी अथक सेवा ने एक अमिट छाप छोड़ी है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व परिजनों को संबल प्रदान करें। ॐ शांति। pic.twitter.com/3w9DyPdptO
क्या कहा PM मोदी ने?
बद्रीनाथ के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आंखों की देखभाल में उनके योगदान और समाज के लिए उनकी निरंतर सेवा ने एक अमिट छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, दूरदर्शी, नेत्र विज्ञान के विशेषज्ञ और शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. एसएस बद्रीनाथ जी के निधन से गहरा दुख हुआ
उन्होंने लिखा, नेत्र देखभाल में उनके योगदान और समाज के प्रति उनकी अथक सेवा ने एक अमिट छाप छोड़ी है। उनका काम पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदना। ओम शांति
असाधारण दूरदृष्टि, निस्वार्थ सेवा और करुणा के प्रतीक के रूप में डॉ. बद्रीनाथ की सराहना करते हुए, तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में कहा, शंकर नेत्रालय के माध्यम से, उन्होंने लाखों गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन को आसान किया। उनके परिवार और उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना। ओम शांति!
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उनके परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ एसएस बद्रीनाथ के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ है। अन्नाद्रमुक महासचिव के पलानीस्वामी तथा कई अन्य लोगों ने भी बद्रीनाथ के निधन पर शोक जताया है।
पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान : डॉ. एस एस बद्रीनाथ ने साल 1978 में चिकित्सा अनुसंधान प्रतिष्ठान के रूप में शंकर नेत्रालय की स्थापना की थी। उन्हें 1983 में पद्मश्री और 1999 में पद्म भूषण से नवाजा गया था।
Edited By : Navin Rangiyal