कोविशील्ड Vaccine से नहीं बनी एंटीबॉटी, पूनावाला और WHO पर केस दर्ज!

शनिवार, 12 जून 2021 (22:53 IST)
लखनऊ। मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रताप चंद्र ने सीरम इंस्टीट्‍यूट के मालिक अदार पूनावाला और ड्रग कंट्रोल डायरेक्टर, स्वास्थ सचिव, ICMR और WHO के विरुद्ध अदालत में धोखाधड़ी का मुकदमा दायर किया है।
 
दरअसल, प्रताप ने यह मुकदमा कोरोनावायरस (Coronavirus) रोधी कोविडशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) लगवाने के बावजूद एंटीबॉडी न बनने पर शनिवार को लखनऊ के ACJM-5 मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी की अदालत में दायर किया है। 
 
प्रताप के मुताबिक 30 मई को इन सभी के विरुद्ध आशियाना थाने में तहरीर दी थी, लेकिन शिकायत दर्ज न किए जाने पर लखनऊ पुलिस आयुक्त और पुलिस महानिदेशक को भी तहरीर भेजकर मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई थी। मुकदमा दर्ज न होने की स्थिति में प्रताप मजबूरन अदालत की शरण ली। 
 
प्रताप का कहना है कि विभिन्न प्रचार माध्यमों से वैक्सीन लगवाने के लिए  विज्ञापनों से प्रेरित होकर मैंने 8 अप्रैल 2021 को आशियाना थाना, रुचि खंड स्थित गोविंद हॉस्पिटल में पहला डोज लगवाया था। दूसरे डोज की निर्धारित तिथि 28 दिन बाद की दी गई थी, बाद में इसे बढ़ाकर पहले 6 हफ्ते फिर 12 हफ्ते कर दिया गया। 
 
चंद्र के मुताबिक वैक्सीन लगवाने के बाद मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रह रहा था और ICMR तथा स्वास्थ्य मंत्रालय की 21 मई 2021 को प्रेस वार्ता टीवी चैनलों पर देखा और समाचार पत्रों में पढ़ा कि ICMR के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने फिर से स्पष्ट कहा कि कोविडशील्ड वैक्सीन के पहले डोज के बाद अच्छे लेवल की एंटीबॉडी बनती है। 
 
लिहाजा मैंने 25 मई 2021 को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब थायरोकेयर से अपना कोविड एंटीबॉडी जीटी टेस्ट कराया। लेकिन 27 मई 2021 को रिपोर्ट निगेटिव आई, यानी जिस एंटी बॉडी को बनाने हेतु वैक्सीन लगवाया था वो नहीं बनी बल्कि प्लेटलेट्स भी 3 लाख से घटकर 1.5 लाख काउंट हो गई जो न सिर्फ मेरे साथ धोखा हुआ बल्कि जान का बड़ा जोखिम बना हुआ है।

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