पुलिस ने बताया कि आरोपी ने एक ऐसी फर्जी वेबसाइट तैयार की थी, जो कि एक सरकारी वेबसाइट की तरह दिखती था और इस पर उन्होंने हजारों नौकरियों के विज्ञापन जारी किए थे। इन लोगों ने आवेदकों से पंजीकरण शुल्क के रूप में 300 से 500 रुपए तक की वसूली की।
आरोपियों की पहचान 37 वर्षीय उमेश, 33 वर्षीय रजत सिंह, 26 वर्षीय गौरव और 33 वर्षीय सीमा रानी के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त (साइबर प्रकोष्ठ) अन्येष रॉय ने कहा कि तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गिरफ्तारी की गई है और आरोपियों के पास से 1 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के नाम पर लोगों से ठगी करने की साजिश रची। इसके लिए उन्होंने पहले आयुष्मान योजना ट्रस्ट बनाया और वेब डिजाइनर होने के नाते आरोपी रजत सिंह ने सरकारी वेबसाइट की तरह एक वेबसाइट डिजाइन की। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच जारी है और अन्य आरोपियों को पकड़ने की कोशिश हो रही है। (भाषा)