गरीबों के लिए वरदान बनी आयुष्मान भारत योजना,1 करोड़ से अधिक लोगों को मिला फ्री इलाज
बुधवार, 20 मई 2020 (14:54 IST)
नई दिल्ली। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का सितंबर 2018 में शुभारंभ होने के बाद से 1 करोड़ से अधिक लोगों ने देशभर के अस्पतालों में करीब 13,412 करोड़ रुपए के निशुल्क इलाज का लाभ उठाया है।
इस योजना को लागू कराने के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने बुधवार को कहा कि देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत 2,132 लोगों ने कोविड-19 का इलाज कराया या करा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 से निपटने के लिए इस बीमा योजना के तहत अपने 53 करोड़ लाभार्थियों को कोरोना वायरस की निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा दी।
NHA ने अपने बयान में कहा कि निजी अस्पतालों समेत 21,565 से अधिक अस्पतालों को अभी तक इस कार्यक्रम के तहत लाया गया है। गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल और राजस्थान ने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए इस योजना के तहत सबसे अधिक संख्या में लोगों को इलाज मुहैया कराया है।
लोगों ने इस योजना के तहत सबसे अधिक हड्डी रोग, हृदय रोग, हृदय तथा वक्ष रोग और वाहिकीय रोग, विकिरणों से होने वाले कैंसर तथा मूत्र रोगों के लिए इलाज कराया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक बयान में कहा कि दो साल से भी कम समय में देश के गरीब परिवारों के एक करोड़ मरीजों को इलाज मुहैया कराना आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई के लिए बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के सभी 53 करोड़ लाभार्थियों को कोविड-19 की निशुल्क जांच और इलाज देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
इस उपलब्धि के लिए जन स्वास्थ्य के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बनाई वेब सम्मेलनों की श्रृंखला आरोग्य धारा के पहले संस्करण का आयोजन 21 मई को करने की योजना बनाई गई है।
बयान में कहा गया है कि इस सम्मेलन में हर्षवर्धन का संबोधन होगा। इस अवसर पर वे व्हाट्सएप पर ‘आस्क आयुष्मान’ चैट बोट शुरू करने की संभावना है। जिसमें एबी पीएजेएवाई के विभिन्न आयामों जैसे कि इसके लाभ, विशेषताएं, ई-कार्ड बनाने की प्रक्रिया, प्रतिक्रिया साझा करने और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में 24 घंटे जानकारी मुहैया कराई जाएगी।
मंत्री अस्पताल रैंकिंग डैशबोर्ड भी शुरू कर सकते हैं जो लाभार्थियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सूचीबद्ध अस्पतालों की रैंकिंग तय करने में अहम कदम होगा। (भाषा)