नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त अनाज वितरित करने का शुक्रवार को फैसला किया। उल्लेखनीय है कि इस योजना को आगे बढ़ाने से भाजपा को 2023 में होने 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में फायदा मिल सकता है। यह योजना 31 दिसंबर को खत्म होने जा रही थी।
इसके साथ ही सरकार ने 31 दिसंबर को खत्म होने जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) की अवधि आगे न बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन दिया जाता रहा है। इस योजना के तहत दिया जाने वाला अनाज एनएफएसए के तहत मिलने वाले सब्सिडी-युक्त अनाज से अलग होता है।
एनएफएस के तहत गरीबों को तीन रुपये प्रति किलो की दर पर चावल और दो रुपए प्रति किलो की दर पर गेहूं मुहैया कराया जाता है। सरकारी अधिकारियों ने एनएफएसए के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले को देश के गरीबों के लिए 'नए साल का उपहार' बताते हुए कहा कि लाभार्थियों को अब खाद्यान्न के लिए एक भी रुपया नहीं देना होगा। इस पर आने वाले करीब 2 लाख करोड़ रुपए के समूचे बोझ को सरकार ही उठाएगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala