नई दिल्ली। भाजपा ने पत्रकार गौरी लंकेश के नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास करने एवं उससे नक्सली उग्रवादियों के नाराज़ होने की रिपोर्टों पर कांग्रेस तथा कर्नाटक सरकार को शुक्रवार को कठघरे में खड़ा किया और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से सफाई मांगी कि अगर सुश्री लंकेश यह काम उनकी सरकार की सहमति से कर रही थीं तो उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई थी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टीवी चैनलों और अखबार मेल टुडे की रिपोर्टों के अनुसार दिवंगत पत्रकार के भाई इंद्रजीत लंकेश ने बताया है कि उनकी बहन नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराके उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम कर रहीं थीं। वह एक प्रमुख नक्सली नेता नागराज को भी मुख्यधारा में लेकर आई थीं, जिसे लेकर कट्टर नक्सली बहुत गुस्से में थे।
प्रसाद ने कहा कि वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पूछना चाहते हैं कि क्या गौरी लंकेश यह काम उनकी सरकार की सहमति से कर रहीं थीं और अगर यह सही है तो फिर उन्हें समुचित सुरक्षा क्यों नहीं उपलब्ध नहीं कराई गई? उन्होंने यह भी सवाल किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गौरी लंकेश की हत्या के तुरंत बाद ही यह सर्टिफिकेट कैसे दे दिया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं दक्षिणपंथी साजिश के कारण उनकी हत्या हुई है। मुख्यमंत्री बनाएं कि क्या वह गांधी की राय से सहमत हैं और यदि वह सहमत हैं तो एसआईटी अब क्या जांच करेगी।
उन्होंने कहा कि पत्रकार की हत्या होने पर भाजपा की ओर से अनंत कुमार, प्रकाश जावड़ेकर और स्वयं उन्होंने भी निंदा की है। एक सवाल सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकार की हत्या पर टिप्पणियां करने वाले बुद्धिजीवियों से है कि वे गौरी लंकेश की हत्या पर तो क्रोधित हैं पर वे केरल एवं कर्नाटक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्याओं एवं हिंसक हमलों में हाथ-पैर काट दिए जाने पर चुप क्यों रहते हैं? वे नक्सलियों के मानवाधिकार की वकालत करते हैं पर वे भाजपा एवं संघ कार्यकर्ताओं के मानवाधिकारों को क्यों नहीं मानते?
प्रसाद ने कहा कि बुद्धिजीवियों की छवि इस प्रकार की बन रही है कि उनके विचार भी राजनीति से प्रेरित हैं। इस दोहरे मानंदड की भी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी पूछा कि लेखक एम. कलबुर्गी के हत्यारे क्यों नहीं पकड़े गए। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की हत्याएं हुईं हैं, लेकिन आज तक कोई अभियुक्त पकड़ा क्यों नहीं गया?
उन्होंने कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जो गलत है, वो गलत है। वह मुख्यमंत्री से अपेक्षा करेंगे कि राजनीति की बजाय कर्नाटक सरकार ईमानदारी से जांच करेगी और हत्यारों को पकड़ेगी। (वार्ता)