सरकार द्वारा पिछले सप्ताह जारी दूसरी तिमाही के आर्थिक विकास के आरंभिक आंकड़े फिच की उम्मीद से कमजोर रहने के बाद एजेंसी ने अपना संशोधित अनुमान जारी किया है। पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। फिच ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भी विकास अनुमान 7.4 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है।
उसकी रिपोर्ट में कहा गया है अर्थव्यवस्था में सुधार हमारी उम्मीद से कम रहा और इसलिए हमने मार्च 2018 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। हालिया तिमाहियों में वृद्धि दर ने लगातार निराश किया है, जिसका कारण विशेष रूप से पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी और इस साल जुलाई में लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर के कारण उत्पन्न उथल-पुथल हैं।