कानून की जरूरत बताते हुए सिंह ने कहा, 'जब हमारे पूर्वज ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए लड़ रहे थे, जिन्ना एक इस्लामी देश बनाने पर जोर दे रहे थे।'
उन्होंने कहा कि हालांकि हमारे पूर्वजों ने एक गलती कर दी। अगर उन्होंने हमारे सभी मुस्लिम भाइयों को पाकिस्तान भेज दिया होता और हिंदुओं को यहां ले आए होते, तो ऐसे कानून की जरूरत हीं नहीं होती। यह नहीं हुआ और हमने इसके लिए भारी कीमत चुकाई है।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के प्रावधान वाले सीएए के लागू होने के बाद से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है और देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं। लोगों ने आशंका जताई है कि इस कानून को लागू करने के बाद देशभर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू की जाएगी।