भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आयोजित एक आयोजन में पासवान ने कहा, मौजूदा समय में लोगों को पता नहीं होता कि उनके द्वारा खरीदी जाने वाली स्वर्ण आभूषण की गुणवत्ता क्या है। हम स्वर्ण आभूषण की ‘हालमार्किंग’ को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहे हैं। यह काम जनवरी तक हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ आभूषणों पर बीआईएस मार्क का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह पर्याप्त रूप से उपभोक्ताओं को आभूषणों की गुणवत्ता के बारे में जानकारी नहीं दे पाता। पासवान ने कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत हॉलमार्क में आभूषण में इस्तेमाल किए गए सोने के कैरेट के बारे में उल्लेख किया जाएगा। उन्होंने कहा, यह 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट वाली तीन श्रेणियों के लिए किया जाएगा। (भाषा)