Lok Sabha: सरकार ने सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) को सूचित किया कि सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों (Insurance Companies) के विलय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2019-20 से 2021-22 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की 3 सामान्य बीमा कंपनियों- ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उनमें 17,450 करोड़ रुपए डाले गए।
तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी : चौधरी ने कहा कि सरकार के पास फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों के विलय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि तीनोंकंपनियों को मिलाकर एक ही बीमा इकाई बनाई जाएगी। हालांकि इन कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति समेत कई कारणों से विलय की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
चौधरी ने एमएसएमई क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बारे में एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 31 मार्च, 2024 तक अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का इस क्षेत्र में कुल बकाया ऋण 2804 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 125 लाख करोड़ रुपए हैं।(भाषा)