एक अन्य सवाल के जवाब में गोयल ने बताया कि रेलवे में सुरक्षा से जुड़ी 'त्रिनेत्र तकनीक' का सघन परीक्षण चल रहा है। कोहरे में रेलवे ट्रैक पर किसी भी प्रकार की बाधा को पहचानने में सक्षम इस तकनीक का परीक्षण पूरा कर इस प्रयोजन के लिए इस्तेमाल में लाए जाने के माकूल पाए जाने तक इसे लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशनों पर पेयजल की पुख्ता व्यवस्था करने के लिए छोटे रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट लगाए जाएंगे।