नई दिल्ली। सरकार ने चालू विपणन वर्ष (अप्रैल 2023-मार्च 2024) में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सीधे किसानों से 41 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जो 1 साल पहले की तुलना में 18 प्रतिशत कम है। सरकार ने इस वर्ष 3.42 करोड़ टन खरीद का लक्ष्य तय किया है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने सोमवार को कहा कि गेहूं की सरकारी खरीद में गिरावट मुख्यतः बेमौसम बारिश के कारण कटाई में देर होने और पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान की मंडियों में आवक कम होने की वजह से हुई है।
गेहूं उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान होने से कुछ जगहों पर अनाज की गुणवत्ता खराब हुई है। हालांकि सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए 5 राज्यों- उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद के नियमों में ढील दी है।
मीणा ने कहा कि मौजूदा विपणन वर्ष में 16 अप्रैल तक गेहूं की खरीद 41 लाख टन तक पहुंच गई है, जो 1 साल पहले की समान अवधि में रही 50 लाख टन की खरीद से थोड़ी कम है। हालांकि उन्होंने आने वाले दिनों में सरकारी खरीद में तेजी आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा की मंडियों में गेहूं की आवक बेहतर है।
एफसीआई राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है, जो राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर एमएसपी पर गेहूं की खरीद करती है। यह खरीद उत्पादक किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के साथ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए भी की जाती है।
सरकार ने विपणन वर्ष 2023-24 के लिए 3.42 करोड़ टन गेहूं का खरीद लक्ष्य तय किया है जबकि 2022-23 के सत्र में 1.9 करोड़ टन की वास्तविक खरीद की गई थी। पिछले साल गर्मी की लहर के कारण घरेलू गेहूं उत्पादन में गिरावट आने से गेहूं की खरीद कम हुई थी। हालांकि इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.218 करोड़ टन रहने का अनुमान है और हाल की बेमौसम बारिश के बावजूद सरकार को यह लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है।(भाषा)