नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात का प्रतिवाद करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में न केवल गरीबों बल्कि आजादी के लिए अपनी सारी संपन्नता को त्याग देने वाले मोतीलाल नेहरू जैसे संपन्न लोगों के योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता है।
आजाद ने कहा कि अमीरों एवं अन्य ने देश को एक ऐसा संविधान दिया है जिसमें मामूली पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति भी राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जैसे पदों तक पहुंच सकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'किन्तु यह अमीर या गरीब का सवाल नहीं है। देश उन अमीरों का योगदान नहीं भूल सकता जिन्होंने देश के लिए अपनी संपत्ति त्याग दी और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के दौरान वर्षों जेल में बिताए।'