नई दिल्ली। चीन के साथ लगने वाली सीमाओं को फुलप्रूफ करने की तैयारी है। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित बहु-भूमिका वाला उन्नत ड्रोन विकसित करने पर काम कर रहा है, जो लंबे समय तक संचालन में सक्षम होगा। सूत्रों के अनुसार इस ड्रोन का उपयोग चीन के साथ लगती सीमाओं सहित अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रणनीतिक अभियानों के लिए किया जाएगा।
सूत्र ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य हमारे सशस्त्र बलों के साथ-साथ वैश्विक आपूर्ति की आवश्यकता को संबोधित करना है। मध्यम ऊंचाई वाले हेरॉन ड्रोन 35,000 फुट की ऊंचाई पर लगभग 45 घंटे तक संचालन करने में सक्षम हैं।
एचएएल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ दो अलग-अलग ड्रोन परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है। सेना अगले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में ड्रोन हासिल करने की योजना बना रही है ताकि उनकी निगरानी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके, विशेष रूप से एलएसी और हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों की निगरानी के मद्देनजर इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है। (इनपुट एजेंसी)