उन्होंने कहा कि एक स्थानीय भाजपा पार्षद पर हमले के मामले में उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। इस अवसर पर उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी परोक्ष प्रहार करते हुए उन्हें आरक्षण आंदोलन के दौरान अगस्त 2015 में जीएमडीसी मैदान पर आंदोलनकारियों पर कथित हमले के परिप्रेक्ष्य में जनरल डायर करार दिया।
ज्ञातव्य है कि राजद्रोह के एक मामले में 6 माह तक जमानत की शर्त के अनुरूप गुजरात से हार्दिक के बाहर रहने के दौरान उनका आंदोलन निश्चित तौर पर कमजोर पड़ा है। इस दौरान उन पर इस आंदोलन के कोष का ठाट बाट वाला जीवन जीने के लिए दुरुपयोग करने के करीबी साथियों के आरोप तथा राज्य में बदल गई राजनीतिक परिस्थितयों का भी खासा असर पड़ा है।