नई दिल्ली। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी पहली बार अकेले अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है। स्पष्ट बहुमत के बाद अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती वहां का मुख्यमंत्री तय करना है, क्योंकि हरियाणा में कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़ और अनिल विज के साथ ही रामबिलास शर्मा, कृष्णपाल गुर्जर और सुषमा स्वराज भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं।
गैर-जाटों से भाजपा ज्यादा करीबी रही है, इसलिए इस बात की ज्यादा संभावना जताई जा रही है कि भाजपा किसी गैर-जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाएगी। लेकिन इस बार भाजपा ने 27 सीटों पर जाट नेताओं को उतारा था, इसलिए पार्टी में जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठ सकती है।
गैर-जाट नेताओं में भाजना विधायक दल के नेता और संघ के एक और करीबी अनिल विज, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष रामबिलास शर्मा और कृष्णपाल गुर्जर भी मजबूत उम्मीदवार हैं। लेकिन भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री का नाम थोड़ा ज्यादा साफ हो सकता है।
इस बीच, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि हरियाणा में दिल्ली से मुख्यमंत्री नहीं थोपा जाएगा। चंडीगढ़ में केंद्रीय पर्यवेक्षक वेंकैया नायडू और दिनेश शर्मा की मौजूदगी में पार्टी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। नायडू मंगलवार को चंडीगढ़ जाएंगे। (भाषा)