याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उत्तरप्रदेश में मामले की जांच और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो पाएगी, इसलिए इसे उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्देश दिया जाए। साथ ही इसकी सीबीआई या उच्चतम न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व वाली एसआईटी से करायी जाए। (वार्ता)