Chandigarh mayor election: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने खरीद-फरोख्त होने का जिक्र करते हुए कहा है कि वह मंगलवार को चंडीगढ़ महापौर चुनाव (Mayor election) के मतपत्रों और मतगणना के दिन की पूरी वीडियो-रिकॉर्डिंग का अवलोकन करेगा। न्यायालय ने कहा कि नए सिरे से मतदान का आदेश देने के बजाय वह पहले ही डाले गए वोटों के आधार पर नतीजे घोषित करने पर विचार कर सकता है।
अदालत ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से दिल्ली लाने के लिए एक न्यायिक अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की। महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले। 8 वोट अवैध घोषित किए गए। निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह पर 8 मतों को विरूपित करने का आरोप लगा है।
निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को लगी फटकार: 5 फरवरी को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को विरूपित किया है और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने इसे हत्या के समान करार देते हुए लोकतंत्र का मजाक बताया था।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन को उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारी और रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश ने महापौर चुनाव के मामले की सुनवाई मंगलवार के बजाय किसी और दिन किए जाने की अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि खरीद-फरोख्त हो रही है जिसे लेकर हम बेहद चिंतित हैं। पीठ ने कहा कि हम कल मतपत्र देखेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है। खरीद-फरोख्त का यह जो पूरा कृत्य चल रहा है, वह बहुत परेशान करने वाला है। मतगणना का पूरा वीडियो भी कल दोपहर में पेश किया जाएगा।
पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद पारित अपने आदेश में कहा कि हम निर्देश देते हैं कि मतपत्र, जो उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के संरक्षण में रखे गए हैं, कल सुबह 10:30 बजे रजिस्ट्रार जनरल द्वारा नामित एक न्यायिक अधिकारी द्वारा इस अदालत के समक्ष पेश किए जाएंगे। अदालत ने मसीह को मंगलवार को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
सुनवाई की शुरुआत में, चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एक न्यायिक अधिकारी की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराया जाए। आप पार्षद और महापौर पद के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार के वकील ने इस सुझाव का कड़ा विरोध किया।
शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुपालन में मसीह पीठ के समक्ष उपस्थित हुए और न्यायाधीशों ने कुछ मतपत्रों में कथित छेड़छाड़ के मामले में उनसे सवाल किए। न्यायाधीशों के सवालों का जवाब देते हुए, मसीह ने कहा कि उन्होंने पहले से ही विरूपित 8 मतपत्रों पर एक्स चिह्न लगाया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों पर हंगामा करने और मतपत्र छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते वह मतगणना केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तरफ देख रहे थे।
निर्वाचन अधिकारी ने 8 मतपत्रों पर एक्स निशान लगाने की बात स्वीकार करते हुए दावा किया कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया ताकि वे मिश्रित न हो जाएं। इस पर पीठ ने कहा कि आप मतपत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। लेकिन आप उन मतपत्रों पर 'एक्स' चिह्न क्यों लगा रहे थे।
आप नेता के वकील ने कहा कि मसीह भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा के सदस्य थे और उनके कदाचार के बावजूद चुनाव प्रक्रिया को अब तार्किक निष्कर्ष तक ले जाया जा सकता है। इस दलील का सॉलिसिटर जनरल ने इस आधार पर विरोध किया कि माना जाता है कि कुछ मतपत्र फटे हुए हैं।
आप पार्षद कुलदीप कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। आप नेता ने दावा किया है कि गठबंधन के पास नगर निकाय में भाजपा के 16 के मुकाबले 20 वोट थे और गठबंधन के 8 मतपत्रों को विरूपित करके उन्हें अमान्य कर दिया गया था।(भाषा)