चुनाव चिह्न विवाद में शिवसेना (UBT) की याचिका पर 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 2 जुलाई 2025 (14:57 IST)
Maharashtra election symbol dispute: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) के धड़े ने पार्टी के चुनाव चिह्न संबंधी विवाद (election symbol dispute) में अपनी याचिका पर राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर तत्काल सुनवाई के लिए बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। इस मामले का उल्लेख न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष किया गया जिसने इसे 14 जुलाई को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।
 
शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) के वकील ने पीठ को सूचित किया कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जल्द ही जारी होने की संभावना है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वकील ने कहा कि इसी तरह का अनुरोध चुनाव चिह्न विवाद मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष भी 7 मई को किया गया था और इसे अस्वीकार कर दिया गया था।ALSO READ: राहुल गांधी ने फिर उठाए महाराष्‍ट्र चुनाव पर सवाल, कहा वोट की चोरी हुई
 
शिवसेना (उबाठा) के वकील ने तर्क दिया कि न्यायमूर्ति कांत की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि इस मामले का उल्लेख शीर्ष अदालत के आंशिक कार्य दिवसों के दौरान किया जा सकता है। उन्होंने दलील दी कि इस मामले ने लोगों की पसंद का सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि याचिका में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के चुनाव चिह्न विवाद मामले में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देश के समान अंतरिम व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है।
 
घड़ी चुनाव चिह्न के आवंटन का मुद्दा अदालत में लंबित : शीर्ष अदालत ने पिछले साल नवंबर में अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा के गुट को मराठी सहित अन्य भाषाओं के समाचार पत्रों में एक सूचना प्रकाशित करने का निर्देश दिया था कि घड़ी चुनाव चिह्न के आवंटन का मुद्दा अदालत में लंबित है। यह आदेश तब पारित किया गया जब शीर्ष अदालत घड़ी चुनाव चिह्न के कथित उपयोग और दुरुपयोग को लेकर शरद पवार एवं अजित पवार गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।ALSO READ: कौन हैं महाराष्ट्र भाजपा के नए अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण, क्या होंगी उनके लिए चुनौतियां
 
शीर्ष अदालत ने 6 मई को राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त किया, जो आरक्षण के मुद्दे के कारण 5 साल से अधिक समय से रुके हुए थे। न्यायालय ने 7 मई को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े को स्थानीय निकाय चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया था।ALSO READ: हिन्दी को लेकर उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र सरकार पर भाषायी आपातकाल का आरोप

इससे पहले ठाकरे की पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े को धनुष-बाण का चुनाव चिह्न देने के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था। शिवसेना (उबाठा) के वकील ने तब कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष ने विधायी बहुमत के आधार पर 2023 में एकनाथ शिंदे गुट को धनुष-बाण का चुनाव चिह्न दिया, जो शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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