प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर को जैसे ही देश में नोटबंदी की घोषणा की, पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लगीं। आम आदमी को इससे काफी परेशानी हो रही है। इस दौर में कई ऐसे लोग भी सामने आए, जिन्होंने आगे बढ़कर लोगों की मदद की। जैसा कि कहा जा रहा है नोटबंदी के बाद देश में बहुत बड़ा परिवर्तन होगा। इस बदलाव में ऐसे लोगों का योगदान भी होगा, जो मुश्किल घड़ी में लोगों के लिए मददगार बने।
नोटबंदी के कारण सबसे अधिक परेशानी यदि किसी को हुई तो उन परिवारों, जिनमें शादियां पहले से तय थीं। ऐसे में सरकार का यह फैसला उनके लिए बड़ी मुसीबत लेकर आया। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने परेशान परिवारों की मदद की।
इंदौर के ही पूर्व पार्षद महेश गामा ने कहा कि पास में ही एक बस्ती में शादी थी। अचानक हुए इस निर्णय ने परिवार की मुश्किल बढ़ा दी। ऐसे में हमने लोगों की मदद से परिवार को करीब 15 हजार रुपए की मदद पहुंचाई। हालांकि यह राशि ज्यादा बड़ी नहीं है, लेकिन उस परिवार का काम हो गया।
गामा का मानना है कि इस फैसले से शुरू में लोगों को थोड़ी परेशानी तो हुई, लेकिन लोगों ने एडजस्ट कर लिया। यह तय है कि इससे भ्रष्टाचारियों और कालेधन वालों की कमर टूटेगी। जनता में मोदी के फैसले से खुशी है।
एक छोटी-सी मदद भी जरूरतमंद के लिए बहुत बड़ी राहत का काम करती है। इंदौर के ही देवेन्द्र नीमा का कहना था कि मैं काम से बैंक गया था, तभी मैंने देखा कि कुछ बुजुर्ग महिलाएं वहां सहमी हुई-सी खड़ी थीं। मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि वे करीब दो घंटे से खड़ी हैं, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे पैसे कैसे जमा करें। मैंने कहा कि उन्हें इसके लिए फार्म भरना पड़ेगा, तो उन्होंने मुझसे ही आग्रह किया। मैंने उनके एवं कुछ अन्य जरूरतमंद लोगों के फार्म भरे। इसके बाद वे खुशी-खुशी बैंक से रवाना हो गए। नीमा मानते हैं कि नोटबंदी का यह फैसला देश के लिए काफी अच्छा रहेगा।