High Court notice to Tihar Jail Administration: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) की एक याचिका पर बुधवार को तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब देने को कहा है। सिंह का दावा है कि उन्हें जेल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी। सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन ने कहा कि वह पूर्व कैदी हैं और इसी आधार पर उन्हें जेल में बंद केजरीवाल से आमने सामने की मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए जेल प्रशासन को तीन दिन का समय दिया और मामला 9 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।
सुनवाई के दौरान सिंह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने दलील दी कि उनके मुवक्किल राज्यसभा सदस्य हैं और उन्हें यह कहकर केजरीवाल से आमने सामने की मुलाकात करने से रोक दिया गया कि वह पूर्व कैदी हैं। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल की स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर है और उनके स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए उनका परिवार उनसे मिलना चाहता है।
याचिका में सिंह ने कहा है कि जिस तरह से जेल अधीक्षक मामले को देख रहे हैं, उससे प्रतीत होता है कि स्थिति चौंकाने वाली है। मैं एक विचाराधीन कैदी हूं, एक मौजूदा सांसद हूं और मैं हलफनामा दे रहा हूं जिसका मैं उल्लंघन नहीं करूंगा।
मेहरा ने कहा कि सिंह को आमने सामने की मुलाकात से इनकार के विषय में जेल अधिकारियों ने दिल्ली जेल नियमावली के नियम 588 का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि पूर्व कैदी और आदतन अपराधी अगर जेल में बंद अपने दोस्तों से मिलने के लिए आवेदन करते हैं, तो अधीक्षक उन्हें ऐसी मुलाकात की अनुमति तब तक नहीं दे सकते, जब तक कि ऐसी मुलाकात के लिए कोई वास्तविक कारण न हो।
उन्होंने कहा कि इस नियम का उद्देश्य यह है कि बुरे तत्व कैदियों के संपर्क में न आएं और जेल अधिकारी इस नियम का दुरुपयोग कर रहे हैं। अधिकारियों के वकील ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए तीन दिन का समय दिया।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आबकारी नीति घोटाला मामले में अभियोजन का सामना कर रहे सिंह को दो अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने जमानत दे दी थी। इससे पहले आप के राज्यसभा सदस्य संदीप कुमार पाठक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और जेल अधिकारियों को उन्हें जेल में बंद केजरीवाल से मिलने की अनुमति का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
जेल अधिकारियों ने पाठक को अप्रैल में दो बार केजरीवाल से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन अगली बार उन्हें यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनके द्वारा दिए गए कुछ बयान जेल नियमों का उल्लंघन करते हैं और ज्यादातर राजनीति से प्रेरित हैं। अदालत ने पाठक की याचिका पर अपना आदेश पहले ही सुरक्षित रख लिया है।(भाषा)