सिंह ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के बाद कहा कि यह बिलकुल गलत हुआ है। उनसे पूछा गया था कि श्रीमती स्वराज के बारे में टि्वटर पर बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है इस बारे में क्या कार्रवाई की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस बारे में विदेश मंत्री से बात की है तो उन्होंने इसे टाल दिया।
उल्लेखनीय है कि एक दंपति ने लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था, लेकिन अलग अलग धर्म से ताल्लुक रखने के कारण उन्हें कुछ दिक्कत का सामना करना पड़ा। महिला ने इस मामले की शिकायत विदेश मंत्री से टि्वटर और ई-मेल के माध्यम से की थी, जिसके बाद उन्हें पासपोर्ट जारी किया गया।
श्रीमती स्वराज ने इसके जवाब में टि्वट किया कि लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है, आलोचना अवश्य करो, लेकिन अभद्र भाषा में नहीं, सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज़्यादा असरदार होती है।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कवि नीरज की कविता का हवाला देते हुए लिखा कि निर्माण घृणा से नहीं, प्यार से होता है, सुख-शान्ति खड्ग पर नहीं फूल पर चलते हैं, आदमी देह से नहीं, नेह से जीता है, बमों से नहीं, बोल से वज्र पिघलते हैं। (वार्ता)