जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में जिस तरह से आतंकी घटनाएं बढ़ी हुई है, उसके बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकरर नए सिरे से मंथन हो रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बंदोबस्त को एक प्रोटोकाल है। जिसमें चुनावी मैदान में उतरे प्रत्येक प्रत्याशियों की सुरक्षा के लिए एक कंपनी लगाई जाती है। जिसमें 120 जवान होते है। जो प्रत्याशियों को घर से लेकर चुनाव प्रचार के दौरान सुरक्षा देते है। ऐसी स्थिति में यदि एक विधानसभा क्षेत्र से न्यूनतम 10 प्रत्याशी भी मैदान में होते है, तो एक ही विधानसभा में दस कंपनी को तैनाती देनी होती है।
चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारी-जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अब सियासी दलों ने भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। सूबे से धारा 370 हटाने का श्रेय लेने वाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने विधानसभा चुनाव में डबल इंजन की सरकार बनाने का दावा कर रहे है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार भाजपा की होगी।
रविंद्र रैना ने यह भी कहा कि हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान करे। हमें विश्वास है कि जिस प्रकार लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत हुई है, जम्मू कश्मीर में उसी प्रकार असेंबली इलेक्शन में भी भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत होगी। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर में भी डबल इंजन सरकार हम बनाऐंगे।
वहीं नेशनल कॉफ्रेस और पीडीपी भी चुनावी तैयारी में जुटी है। नेशल कॉफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने आतंकी घटनाओं को लेकर अगर सरकार में साहस है तो चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर साहस नहीं है और डरे हुए हैं तो बेशक से चुनाव मत कराइये, लेकिन अगर आपको हमारी पुलिस और सेना की ताकत दिखानी है, अगर हमारे शासकों में थोड़ा साहस है तो वे देश विरोधी इन ताकतों के आगे घुटने क्यों टेक रहे हैं। समय पर चुनाव करवाए जाने चाहिए और जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी सरकार खुद चुननी चाहिए।