भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे है। देश में पिछले दो दिनों में कोरोना के 257 नए मरीज सामने आए है, वहीं मुंबई में कोरोना से संक्रमित दो मरीजों की मौत हो गई है। हलांकि जिन दो कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है वह अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। मुंबई में करीब 53 कोविड के मामले बताए जा रहे हैं। मुंबई में बुजुर्ग के साथ ही नवजात बच्चे भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की रिपोर्ट्स है। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर वेबदुनिया ने ICMR के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख पद्मश्री डॉक्टर रमन गंगाखेडकर से खास बातचीत की।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि कोरोना के जो नए मामले सामने आ रहे है, वह ओमिक्रॉन के सबलाइनेज है, जो JN.1 वेरिएंट से उत्पन्न हुए हैं और JN.1 खुद ओमिक्रॉन BA.2.86 का एक सबलाइनेज है। सिंगापुर में भी कोरोना के जो नए केस सामने आए है वह LF.7 और NB.1.8 वेरिएंट की वजह से आया है, यह दोनों वेरिएंट ओमिक्रॉन के सबलाइनेज हैं।
वहीं भारत में तेजी से कोरोना के नए मामले रिपोर्ट होने पर डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि भारत में कोरोना अब एंडेमिक स्थिति में है और लोगों में कोरोना वायरस को लेकर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। ऐसे में जब तक नए वेरिएंट्स से लोगों के अस्पताल में भर्ती होने या मौत की दर बढ़ने का सबूत नहीं मिलता है, तब तक घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं वह कहते है कि जब कोरोना के मामले बढ़ रहे है तब लोगों को कोविड एप्रोपियट बिहेवियर फॉलो करना चाहिए, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को खास सतर्कता बरतनी चाहिए। इसके साथ कोमार्बिटी से पीड़ित लोगों को भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। ऐसे लोगों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए और मास्क पहनाने के साथ स्वच्छता बरतनी चाहिए।
वेबदुनिया से बातचीत में डॉ. रमन गंगाखेडकर कहते है कि भारत पहले भी ओमिक्रॉन-लाइनेज वेरिएंट्स का सामना कर चुका है और यह देखा गया है कि ये वेरिएंट मृत्यु दर और गंभीर बीमारी के जोखिम को बहुत तेजी से नहीं बढ़ाते हैं. इसलिए जब तक कोई नया और गंभीर खतरा सामने नहीं आता, तब तक घबराने की जरूरत नहीं है।