पहली यूरेशियन प्लेट और दूसरी हिमालयन प्लेट। इनके बीच टकराव की वजह से पैदा होने वाली ऊर्जा का प्रभाव ही चोटियों पर स्थित ग्लेशियर में भ्रंश के रूप में दिखता है। जब ये दरारें बड़ी हो जाती हैं, तब वहीं से ग्लेशियर टूट जाता है। उन्होंने कहा कि जब ये ग्लेशियर टूटते हैं, तब नदी का बहाव कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, जिसकी वजह से जब भारी ऊर्जा के साथ पानी नीचे आता है, तब अपने सामने आने वाली चीजों को क्षतिग्रस्त करता जाता है।