हुर्रियत का हड़ताली कैलेंडर, लोगों की बढ़ेंगी मुश्किलें

श्रीनगर। कश्मीर वादी में आज जीएसटी लागू करने को बुलाई गई हड़ताल कामयाब रही। हालांकि इस हड़ताल को नाकाम बनाने को भी सरकार को पांच जिलों में कर्फ्यू पाबंदियां लगानी पड़ी थीं। बुधवार का दिन तो किसी तरह से गुजर गया, लेकिन गुरुवार से आरंभ हो रहे हफ्ते को लेकर प्रशासन की जान अटकी हुई है। दरअसल कल से हुर्रियत का हड़ताली कैलेंडर शुरू हो रहा है। उसने बुरहान वानी की मौत के एक साल पूरा होने पर प्रदर्शनों और हड़तालों का आह्वान किया है।
 
कश्मीर सरकार की कथित ज्यादतियों और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को राज्य में लागू करने के खिलाफ हड़ताल के आहवान के बीच श्रीनगर में आज ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। जम्मू और कश्मीर समन्वय समिति (जेकेसीसी) ने इस हड़ताल का आहवान किया था। प्रशासन को श्रीनगर के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगाने पड़े।
 
जेकेसीसी राज्य में जीएसटी को उसके मौजूदा स्वरूप में लागू करने का विरोध कर रही है। जेकेसीसी राज्य के व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को मिलाकर बनाया गया संगठन है। जेकेसीसी ने कश्मीर घाटी में हड़ताल का आहवान किया था। राज्य प्रशासन की कथित जोर-जबर्दस्ती और राज्य में जीएसटी लागू करने के खिलाफ इस हड़ताल का आहवान किया गया था। देश में जम्मू कश्मीर एकमात्र राज्य है जहां जीएसटी अभी तक लागू नहीं हुआ है।
 
कश्मीर घाटी में मंगलवार को कई व्यापारियों को उस समय हिरासत में ले लिया गया, जब वह पुलिस की कथित ज्यादती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे। उसके बाद आज इस हड़ताल का आहवान किया गया। हालांकि सार्वजिनक परिवहन को इससे अलग रखा गया था। दरअसल हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी की मौत को 8 जुलाई एक साल पूरा हो जाएगा। उसकी बरसी मनाने की खातिर हुर्रियत के सभी धड़ों ने एकजुट होकर हड़ताली कैलेंडर जारी किया है। इस कैलेंडर के तहत कल से ही प्रदर्शनों और हड़तालों का सिलसिला आरंभ हो जाएगा जो 13 जुलाई तक चलेगा।
 
फिलहाल यह हड़ताली कैलेंडर 13 जुलाई तक के लिए है और जानकारी के लिए इस साल का यह पहला हड़ताली कैलेंडर है, लेकिन इतना जरूर था कि इस हड़ताली कैलेंडर को 'कामयाब' बनाने की खातिर 'सरकारी सहयोग' पहले ही घोषित किया जा चुका है। सरकार ने 7 से 14 जुलाई तक सभी स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अवकाश घोषित कर रखा है। सभी परीक्षाएं भी पहले ही टाली जा चुकी हैं।
 
अधिकारियों के मुताबिक, बुरहान वानी की बरसी पर जबरदस्त हंगामा होने की आशंका है। इस हंगामे से निपटने को तैयारियां भी की जा चुकी हैं। अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती, पैलेट गनों की सप्लाई और सेना को भी हालात से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया जा चुका है।

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