मद्रास आईआईटी विवाद पर राहुल और स्मृति में छिड़ी जंग

शनिवार, 30 मई 2015 (08:16 IST)
नई दिल्ली। अंबेडकर-पेरियार समूह द्वारा  मोदी विरोधी साहित्य और आपत्ति जनक प्रचार किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। मोदी सरकार के कामकाज की आलोचना के आरोप के बाद यह छात्र समूह पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर विवादों में घिर गया है। अब छात्र समूह के अधिकारों को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजनीति शुरू कर दी है। इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर पलटवार किया है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के बीच यह जंग ट्वीटर पर चल रही है। दूसरी ओर स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी के ट्वीटर हैंडल पर जाकर सीधे चुनौती दे दी है। पहले राहुल गांधी के आफिस ऑफ आरजी के हैंडल से ट्वीट आया आईआईटी स्टुडेंट ग्रुप को मोदी सरकार की आलोचना के लिए बैन किया गया है। अब और क्या करेंगे। फिर दूसरा ट्वीट आया, मुक्त अभिव्यक्ति हमारा अधिकार है। असहमति और बहस को दबाने के किसी भी प्रयास के खिलाफ हम लड़ेंगे।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी राहुल गांधी के आफिस ऑफ आरजी के हैंडल पर पलट कर जवाब देती हैं। लिखा गया, कल आपने एनएसयूआई से कहा कि जहां आर्डर है वहां डिसॉर्डर कर दें। आज आपके गुंडे मेरे घर तब आए जब मैं काम से बाहर थी। अपने लोगों से कहिये कि अमेठी में ऐसी कोशिश हुई लेकिन वे मुझे डरा नहीं पाए। वे अब भी नहीं डरा पाएंगे। मुझे समय और जगह बताइये मैं शिक्षा से लेकर गर्वनेंस पर बहस के लिए तैयार हूं। अगली बार से अपनी लड़ाई खुद लड़िये। एनएसयूआई के पीछे छिपकर नहीं। वैसे मैं जल्दी ही अमेठी लौट रही हूं।

डीन की जांच : इधर, आईआईटी मद्रास ने कहा है कि अंबेडकर-पेरियार समूह ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसकी जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी। संस्थान के कार्यवाहक निदेशक राममूर्ति ने बताया कि आरोपी छात्र संगठन अपनी गतिविधियों के प्रचार के लिए या समर्थन जुटाने के लिए आधिकारिक अनुमति लिए बिना कैंपस में कोई आयोजन नहीं कर सकते।

छात्रों की शिकायत : दूसरी ओर, आईआईटी मद्रास के कुछ छात्रों ने अंबेडकर पेरियार समूह पर अजा, अजजा छात्रों को अलग करके राजनीतिक रूप से प्रेरित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।

इन छात्रों द्वारा लिखा गया एक अज्ञात पत्र पिछले सप्ताह आईआईटी मद्रास को भेजा गया। संस्थान को भेजे गए पत्र की प्रति में कहा गया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन आरोपों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि आईआईटी का उपयोग कभी इन उददेश्यों के लिए नहीं हुआ।

गौरतलब है कि अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल (एपीएससी) एक 20 छात्रों का समूह है जो सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन करवाता है। उस पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतियों की आलोचना करने वाले पर्चे बांटे और पोस्टर लगाए। एक शिकायत बाद आईआईटी प्रबंधन ने इस समूह को संस्थान के सभागार का इस्तेमाल करने और नोटिस बोर्ड पर पोस्टर लगाने आदि से रोक दिया है। (भाषा से इनपुट)

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