विश्व में अब तक लाखों लोगों की जान लील चुका खतरनाक कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लगातार लोगों को इस जानलेवा वायरस से सावधान कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी नई चेतावनी में कहा गया है कि ये खतरनाक वायरस हमारे साथ लंबे समय तक रहने वाला है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रॉस ए. गेब्रियेसस ने दुनिया को इस खतरनाक बीमारी से फिर चेताते हुए कहा कि कई देशों में महामारी की अभी शुरुआत हुई है और जहां से महामारी की शुरुआत हुई थी वहां दोबारा मामले दिखने लगे है, ऐसे में कोई गलती न करें ये वायरस हमारे साथ लंबे समय तक रहने वाला है। हमें किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए,यह वायरस लंबे समय तक हमारे बीच रहने वाला है।
कोरोना का खौफ पूरी दुनिया पर हावी हो चुकी है। भारत भी उन देशों में शामिल है जहां अभी कोरोना महामारी अभी शुरुआती दौर में है। महामारी से बचने के लिए देश ने 40 दिन लंबे लॉकडाउन का सहारा लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीमारी को लेकर जो नई चेतावनी जारी है कि है उसका संबंध भी सीधे लॉकडाउन से ही है। ये चेतावनी ऐसे समय आई है जब महामारी के चपेट में आए कई देश लॉकडाउन में डील देने पर काम कर रहे है।
कोरोना से बचने के लिए विश्व के करीब हर देश ने लॉकडाउन का सहारा इसलिए लिया क्यों कि इसकी बडी वजह है अब तक महामारी का लाइलाज होना । कोरोना संक्रमण में आए हुए जो लोग अब तक ठीक हुए है या जो संक्रमण से बचे हुए है उसका सबसे कारण लोगों की खुद की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इसके साथ लोगों का आपसी संपर्क से परहेज करना और स्वच्छता ओर सजगता पर विशेष ध्यान रखने से उनको बीमारी के चपेट में आने रोक रखा है।
इम्यून सिस्टम से कोरोना का मुकाबला – कोरोना से बचाव और उसके इलाज के सबसे बड़ी दवा है व्यक्ति की इम्युनिटी क्षमता यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोगों से अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के आयुष मंत्रालय के दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात की है। इनमें गर्म पानी और काढ़ा पीना इत्यादि शामिल है।
आज आयुर्वेद और नैचरोपैथी स्वस्थ समाज बनाने में बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। स्वस्थ दिनचर्या और अनुशासन से हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में कुछ अजमाए हुए नुस्खे जैसे दोपहर का भोजन भारी, रात्रि का भोजन हल्का और सूर्यास्त से पहले कर लिया जाए, पाचन के लिए नियमित सैर और रात में पर्याप्त नींद शरीर और मन की शुद्धि हमेशा से करागर रहे है। बच्चों पर संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा होता है इसलिए बार-बार उनके हाथ धुलाना, तुलसी की चाय पीना, खाने में अंकुरित अनाज, अदरक-लहसुन की मात्रा बढ़ाना हमारे समाज का आजमाया हुआ फॉर्मूला है ।
हमारे शास्त्रों में अध्यात्म चिकित्सा का भी उल्लेख मिलता है, जिसे अपनाकर हमारे ऋषि-महर्षियों, योगियों और मुनियों ने कई असाध्य रोगों को हराया और निरोगी रहते हुए दीर्घायु प्राप्त की। अध्यात्म चिकित्सा योग और मेडिटेशन पर ही केंद्रित थी जिसे ऋषि-मुनियों ने संतुलित और संयमित जीवनशैली का संदेश देकर आगे बढ़ाया।
योग से कोरोना का मुकाबला - कोरोना से बचाव के लिए पूरी दुनिया भारतीय परंपरा की पुरानी पहचान योग का सहारा भी ले रही है । कोरोना के संक्रमण से जो लोग ठीक हुए हैं, उनका इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी पाई गई है जिससे उनका शरीर इस वायरस से लड़ने में कामयाब हुआ। योग इसका सबसे बड़ा सूत्र है क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ ही श्वसन तंत्र भी मजबूत करता है। अमेरिका के प्रमुख चिकित्सा संस्थान हावर्ड मेडिकल स्कूल ने भी कहा है कि योग करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है ।
योग के जानकार कहते हैं कि रोजाना नियमित तौर पर योग के आसन करने से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं ज्यादा तेजी से बनती हैं । यही कोशिकाएं बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं जिससे हमारा इम्यून सिस्टम वायरस को खत्म करने की ताकत पाता है। कोरोना वायरस के संक्रमण से ऐसे लोगों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है जो ब्लडप्रेशर, हाईपरटेंशन, डायबिटीज और दिल की बीमारी से पीड़ित हैं और योग इन सभी बीमारियों को दूर करता है ।
कोरोना को काबू में करने के लिए और उसके संक्रमण से बचने के लिए वर्तमान में सरकार को साथा लोग भी प्राचीन पंरपरा को अपना रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से कोरोना से मुकाबला करने के लिए संकल्प और संयम दिखाने की अपील की है ।
अच्छी बात यह है कि भारत अब तक बिना किसी दवा के अपने प्राचीन मूल्यों और लोगों की स्वप्रेरणा से इस जानलेवा बीमारी को दूसरे चरण में रोके रखने में कामयाब दिख रहा है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ने की रफ्तार निंयत्रण में है और तीसरे चरण में होने वाला सामुदायिक प्रसार का खतरा टला हुआ है। इसी वजह से कोरोना की रोकथाम के लिए भारत के कदम की सराहना हो रही है और दुनिया की निगाहें एक बार फिर भारत पर आकर टिक गई है ।