ईपीएफओ के नियमित वेतन पाने वालों के ये आंकड़े कोविड-19 के दौरान संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं। ईपीएफओ के पेरोल यानी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों के पिछले महीने जारी अस्थायी आंकड़े में शुद्ध रूप से इस साल जून में 6.55 लाख पंजीकरण की बात कही गई थी। इस आंकड़े को अब संशोधित कर 4,82,352 कर दिया गया है। मई में जारी पेरोल आंकड़े के अनुसार ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से पंजीकरण मार्च 2020 में घटकर 5.72 लाख पर आ गया, जो फरवरी में 10.21 लाख था।
रविवार को जारी ताजा आंकड़े के अनुसार अप्रैल में शुद्ध रूप से पंजीकरण नकारात्मक दायरे में था और इसमें 61,807 की गिरावट आई जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 20,164 था। इसका मतलब है कि अप्रैल में जितने लोग ईपीएफओ से जुड़े, उससे कहीं अधिक लोग उससे बाहर हुए।
इससे पहले जुलाई में अस्थायी आंकड़े के अनुसार अप्रैल में शुद्ध रूप से 1 लाख नए पंजीकरण की बात कही गई थी। उसे बाद में अगस्त महीने में संशोधित कर 20,164 कर दिया गया। ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से पंजीकरण औसतन हर महीने करीब 7 लाख रहता है। ताजा पेरोल आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में शुद्ध रूप से नए अंशधारकों की संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी।
ईपीएफओ का कहना है कि पेरोल आंकड़ा अस्थायी है और इसका अद्यतन होना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसे आने वाले महीनों में अद्यतन किया जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार आंकड़ा शुद्ध रूप से जुड़े सदस्यों पर आधारित है। इन अनुमानों में अस्थायी कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं जिनका योगदान हो सकता है पूरे साल जारी नहीं रहे।