विभाग की ओर से मंगलवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक, दोनों समूहों पर छापे की कार्रवाई 23 दिसंबर को शुरू की गई थी जो कल रात तक चली। पहले मामले में रियल स्टेट डेवलपर्स के पास कर योग्य आय को कम करके दिखाने के लिए हेराफेरी किए जाने संबंधी कई दस्तावेज पाए गए हैं। इस मामले में 143 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया गया।