नई दिल्ली। बीबीसी के दफ्तर में दूसरे दिन भी आयकर विभाग का सर्वे चल रहा है। इनकम टैक्स अधिकारियों ने फाइनेंस डिपार्टमेंट के स्टाफ के मोबाइल, लैपटॉप-डेस्कटॉप जब्त किए हैं। अफसरों के मुताबिक, इनका बैकअप लेकर इन्हें वापस कर दिया जाएगा। बीबीसी पर ट्रांसफर प्राइसिंग नियम का उल्लंघन और होने वाले लाभ को डायवर्ट करने का आरोप है।
बीबीसी पर इनकम टैक्स के सर्वे से हड़कंप मच गया। कुछ लोगों ने इसे आयकर विभाग की रेड भी कहा। हालांकि कुछ ही देर में स्पष्ट हो गया कि यह रेड नहीं बल्कि सर्वे है। आइए जानते हैं इनकम टैक्स सर्वे और इनकम टैक्स रेड में क्या अंतर है...
क्या है इनकम टैक्स सर्वे : इनकम टैक्स एक्ट-1961 की धारा-133A के तहत सर्वे किया जाता है। इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, आयकर अधिकारी किसी अघोषित आय या छिपी हुई संपत्ति को उजागर करने के लिए सर्वे करते हैं। सर्वे के माध्यम से पता लगाया जाता है कि संबंधित व्यक्ति या बिजनेस ने अपनी बही-खातों को सही से मेंटेन किया है या नहीं।
क्या होती है इनकम टैक्स रेड : IT एक्ट की धारा-132 आयकर अधिकारियों को किसी भी संस्थान या व्यक्ति के यहां सर्च करने की इजाजत देती है। आम तौर पर लोग इसे ही इनकम टैक्स का छापा कहते हैं। इनकम टैक्स अधिकारी टैक्स चोरी के मामले में बिल्डिंग और बिजनेस की जगहों सहित दूसरे स्थानों पर सर्च करते हैं। इनकम टैक्स सर्च के दौरान आयकर अधिकारियों को दस्तावेज, संपत्ति आदि को जब्त करने का अधिकार होता है।
क्या है दोनों में अंतर : सर्वे में आयकर अधिकारियों को केवल उन स्थानों में प्रवेश करने का अधिकार होता है, जहां से बिजनेस किया जाता है। वहीं सर्च ऑपरेशन में आयकर अधिकारी आपके व्यावसायिक स्थान के साथ ही आवासीय परिसर, वाहन, या किसी अन्य संबंधित स्थान की भी तलाशी ले सकते हैं।
सर्वे में किसी भी व्यक्ति की शारीरिक जांच नहीं की जाती जबकि सर्च में वहां मौजूद सभी व्यक्तियों की फिजिकल जांच भी की जा सकती है।
सर्वे में आयकर अधिकारी सिर्फ आपके खातों जांच करते हुए वहां से जुटाए गए दस्तावेजों को जब्त कर सकते हैं वहीं सर्च ऑपरेशन में दस्तावेजों के साथ ही पैसे, वाहन, जेवर आदि मूल्यवान वस्तुओं को भी जब्त किया जा सकता है।