उन्होंने इसके रोडमैप पर चर्चा की तथा इस बात पर जोर दिया गया कि डिजाइन और तकनीकी चीजों में सुधार पर जोर दिया जाए ताकि जनगणना करने के 3 साल के भीतर आंकड़ों को अंतिम रूप दे दिया जाए। अभी तक पूरे आंकड़े जारी करने में 7 से 8 साल का समय लग जाता है। इस बड़ी कवायद के लिए 25 लाख से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है।