Indian-Chinese troops clash in Tawang : अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं PM मोदी, संसद में मुद्दा उठा सकता है विपक्ष
सोमवार, 12 दिसंबर 2022 (22:36 IST)
नई दिल्ली। Indian-Chinese troops clash in Tawang News : कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट झड़प की घटना को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी कि कांग्रेस पिछले 2 साल से सीमा पर चीन की हरकतों को लेकर सरकार को बार-बार जगाने की कोशिश की, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है।
उन्होंने ट्वीट किया कि भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।
रमेश ने आरोप लगाया कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही। अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है।
भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर 9 दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गये। सैन्य सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया।
नहीं करने देंगे राजनीतिकरण : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया- एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे। लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रमकता और निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए।
जमीन का अधिग्रहण कर रहा है चीन : कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 2 साल से अधिक समय से चीन अवैध रूप से भारत की भूमि का अधिग्रहण कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री कहां हैं? हम मांग करते हैं कि पीएम को लोकसभा और राज्यसभा में आकर चीनी सेना द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर भारत के क्षेत्र पर अवैध कब्जे की सटीक स्थिति के बारे में देश को जवाब देना चाहिए।
औवेसी लाएंगे स्थगन प्रस्ताव : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की घटना को लेकर केंद्र सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का सोमवार को आरोप लगाया। ओवैसी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर 13 दिसंबर को संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे।
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है।
ओवैसी ने ट्वीट किया कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें परेशान करने वाली और चिंताजनक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था तो उसे सूचित क्यों नहीं किया गया।
एक अन्य ट्वीट में एआईएमआईएम नेता ने कहा कि सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। मोदी के नेतृत्व में कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है। इस पर संसद में तत्काल चर्चा की जरूरत है। मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।
ओवैसी ने कहा कि घटना का विवरण अधूरा है और एक अन्य ट्वीट में पूछा कि झड़प का कारण क्या था? क्या गोलियां चलाई गई थीं या यह गलवान की तरह हुआ? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी स्थिति क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है?
केजरीवाल ने की स्वस्थ होने की कामना : इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सेना के जवान देश की शान हैं। मैं उनके शौर्य को सलाम करता हूं। साथ ही भगवान से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। एजेंसियां