रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि यहां पास में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से अत्याधुनिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया, जो सफल रहा। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के दौरान सभी मानक प्राप्त कर लिए गए। प्रायोगिक परीक्षण पूर्वाह्न 10 बजकर 45 मिनट पर किया गया।
उन्होंने कहा कि मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। 30 सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।
डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल 'मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज' मिसाइल है जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है।